मानव भूगोल : Human Geography Questions In Hindi

मानव भूगोल : Human Geography Questions In Hindi

मानव भूगोल : Human Geography Questions In Hindi

Hello Students,

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Human Geography Questions In Hindi

एक अंक वाले प्रश्न/अति लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1. मानव भूगोल मानव समाजों और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है। “मानव भूगोल की यह परिभाषा किस भूगोल वेत्ता द्वारा दी गई है? 

उत्तर: रैटजेल 

प्रश्न 2. मनुष्य ने रहने के लिये घर बनाया, नदी पार करने के लिये पुल बनाया मनुष्य के इन प्रयासों को हम मानव भूगोल की किस विचारधारा के अन्तर्गत रख सकते हैं। 

उत्तर : संभावना वाद या संभव वाद । 

प्रश्न 3. प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्यक्रिया की आरंभिक अवस्था में मानव प्राकृतिक पर्यावरण से अत्याधिक प्रभावित हुआ उसने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया मानव के सामाजिक कास की इस अवस्था को किस नाम से जाना जाता है। 

उत्तर : पर्यावरणीय निश्चयवाद 

प्रश्न 4. नवनिश्चयवाद अथवा रूको और जाओ निश्चयवाद की संकल्पना किस भूगोलवेता द्वारा प्रस्तुत की गई। 

उत्तर: आस्ट्रेलियाई भूगोलवेता ग्रिफिथ टेलर 

प्रश्न 5. ट्रॅॉन्डहाईम व उन जैसे संसार के विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रकृति द्वारा आरोपित अवरोधो पर विजय पाने में सक्षम हुए हैं। स्पष्ट कीजिए? 

उत्तर: संसार के विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का विकास करके लोग प्रकृति के अवरोधों पर विजय पाने में सक्षम हुए हैं। सर्दियों से बचने के लिये कृत्रिम उपकरणों का प्रयोग करते है। 

प्रश्न 6. मानव भूगोल अध्ययन के उपागम के रूप में मानवतावादी एंव व्यवहारवादी विचारधाराओं का उदय कब हुआ। 

उत्तर : 1970 के दशक में । 

प्रश्न 7. उपनिवेश युग में अन्वेषणों को गति मिली इससे मानव भूगोल के ___अध्ययन में क्या मदद मिली? 

उत्तर :  विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से परिचित हुआ।

विभिन्न प्रदेशों के संसाधनों का ज्ञान हुआ और पहुँच बनी।

प्रश्न 8. राजनीतिक भूगोल के दो उपक्षेत्र कौन से हैं ? 

उत्तर : निर्वाचन भूगोल व सैन्य भूगोल । 

प्रश्न 9. मानव भूगोल के अध्ययन के रूप में ‘प्रादेशिक विश्लेषण’ किस समय अवधि में उपागम के रूप में प्रचलित हुआ? 

उत्तर : उत्तर उपनिवेश युग में।

प्रश्न 10. अभाव की अवस्था से स्वतंत्रता की अवस्था ने किस विचारधारा को जन्म दिया? 

उत्तर : संभावनावाद । 

प्रश्न 11. भूगोल में द्वैतवाद बौद्धिक अध्ययन का महत्वपूर्ण विषय रहा है। परन्तु अंततः प्रकृति एंव मानव के बीच वैध द्वैधता नही है। क्यों कारण स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : क्योंकि प्रकृति और मानव अविभाज्य तत्व है, इन्हें समग्रता में ही देखना उचित है। 

तीन अंक वाले प्रश्न प्रश्न 

प्रश्न 12 मानव भूगोल की परिभाषा दीजिए एंव इसके प्रमुख अध्ययन क्षेत्र बतायें। 

उत्तर : भौगोलिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के अतसंबंधों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन ही मानव भूगोल है। रैटजल के अनुसार – ‘मानव भूगोल मानव समाजों तथा धरातल के बीच सम्बन्धों का संश्लेषित अध्ययन हैं। मानव भूगोल के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित है :

सांस्कृतिक भूगोल

सामाजिक भूगोल

नगरीय भूगोल

जनसंख्या भूगोल

राजनीतिक भूगोल

आवास भूगोल

आर्थिक भूगोल

 

Human Geography Questions In Hindi

प्रश्न 13. “भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के तत्वों के मध्य परस्पर अन्योन्यक्रिया होती है। ‘इस कथन को उपयुक्त उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : भौतिक भूगोल और मानव भूगोल के तत्वों के मध्य परस्पर अन्योन्यक्रिया होती है। भौतिक भूगोल के विभिन्न लक्षण जैसे भूमि की बनावट, जलवायु मिट्टी, पदार्थ जल तथा वनस्पति मनुष्य के रहन – सहन तथा आर्थिक सामाजिक क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं । प्रकृति मनुष्य के कार्य एंव जीवन को निश्चित करती हैं मानव जीवन को निश्चित करती है। मानव जीवन प्राकृतिक साधनों पर ही आधारित है उन्हीं प्राकृतिक साधनों द्वारा मानव के रोजगार फसल चक्र परिवहन के साधन आदि सभी प्रभावित होते हैं। प्रकृति मानव विकास के भरपूर अवसर प्रदान करती है और मानव इन अवसरों का उपयोग विकास के लिए करता है। 

प्रश्न 14. प्रकृति और मनुष्य आपस में इतनी जटिलता से जुड़े हुए हैं कि उन्हे एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता है। “कथन को प्रमाणित कीजिए।

उत्तरः  प्रकृति और मनुष्य आपस में जटिलता से जुड़े है। 

प्रकृति और मानव को एक दूसरे से अलग नही किया जा सकता। 

आपसी अन्योन्य क्रिया द्वारा मनुष्य ने प्राकृतिक पर्यावरण में सामाजिक और सांस्कृतिक पर्यावरण की रचना की है। 

भौतिक और मानवीय परिघटनाओं का वर्णन प्राय रूपकों के रूप में किया जाता है जैसे पृथ्वी के रूप, तूफान की आंख, नदी का मुख आदि। 

 

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प्रश्न 15.मानव भूगोल के अध्ययन की विषय वस्तु क्या है किन्ही तीन तथ्यों की व्याख्या कीजिए? 

उत्तरः मानव भूगोल के अध्ययन की विषय वस्तु के तीन महत्व पूर्ण तथ्य निम्न है।

भौतिक पर्यावरण व मानव जगत के बीच अन्योन्यक्रिया द्वारा निर्मित सांस्कृतिक वातावरण का अध्ययन।

पृथ्वी को मानव के घर के रूप में समझना और उन सभी तत्वों का अध्ययन करना जिन्होनें मानव को पोषित किया है।

धरातल पर रहने वाले समस्त मानवीय जगत एंव उसकी क्षमता का अध्ययन करना। 

प्रश्न 16.अपनी प्रारभिक अवस्था में मानववाद प्रकृति से अत्यधिक प्रभावित हुआ। इस कथन की पुष्टि कीजिए। 

उत्तर :  प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्य क्रिया की आरंभिक अवस्था में मानव की प्रौद्योगिक ज्ञान का स्तर अत्यन्त निम्न था उस समय सामाजिक विकास की अवस्था भी आदिम थी

इस अवस्था में प्रकृति के समक्ष मानव निष्किय था प्रकृति के अनुसार ही मानव ही मानव स्वयं को ढालता था।

इस अवस्था में मानव प्रकृति की सुनता था उसकी प्रचण्डता से भयभीत होता था मानव प्रकृति की पूजा करता था।

इस अवस्था में मानव ने अपने आप को प्रकृति के द्वारा दी गई सुविधाओं के अनुसार ढाल लिया था इस सामंजस्य को पर्यावरण निश्चयवाद कहा है।

प्रश्न 17. “प्रकृति अवसर प्रदान करती है और मानव उसका उपयोग करता है इस प्रकार धीरे – धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है। ” मानव भूगोल की इस विचारधारा को किस नाम से जाना जाता है इसकी दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए? 

उत्तर :  मानव भूगोल की इस विचारधारा को संभववाद के नाम से जाना जाता है।

समय के साथ मानव बेहतर तकनीक विकसित कर लेता है और पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के द्वारा संभावनाओं को जन्म देता है।

इस अवस्था में मानवीय क्रियाएँ सांस्कृतिक भू पृष्ठ का निर्माण करती है। और मानवीय क्रियाओं की छाप चारों और नजर आती है। 

प्रश्न 18. “नव निश्चयवाद संकल्पनात्मक ढंग से एक संतुलन बनाने का प्रयास करता है।” स्पष्ट कीजिए?

अथवा

“नव निश्चयवाद …. टेलर की देन है जो दो विचारधाराओं के मध्य सतुलन बनाने का प्रयास है” | स्पष्ट करें ।

उत्तर :  नव निश्चयवाद की संकल्पना ग्रिफिथटेलर द्वारा प्रस्तुत की गई। यह दो विचारों पर्यायवरणीय निश्चयवाद और संभववाद के मध्य के मार्ग को परिलक्षित करती है।

यह संकल्पना दर्शाती है कि ना तो यह नितांत आवश्यकता की स्थिति है और न ही नितांत स्वतंत्रता की अवस्था है।

इस संकल्पना के अनुसार मानव प्रकृति के नियमों का अनुपालन __ करके ही प्रकृति पर विजय प्राप्त कर सकता है। 

प्रश्न 19. मानव भूगोल की मानवतावादी विचारधारा से क्या आशय है ? 

उत्तर :  मानवतावादी विचारधारा से आशय मानव भूगोल के अध्ययन को मानव के कल्याण एवं सामाजिक चेतना के विभिन्न पक्षों से जोड़ना था।

इसका उदय 1970 के दशक में हुआ।

इसके अन्तर्गत आवास, स्वास्थय एंव शिक्षा जैसे पक्षों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

यह मनुष्य की केन्द्रीय एवं क्रियाशील भूमिका पर बल देता हैं ।

प्रादेशिक असमानतायें, निर्धनता, अभाव जैसे विषयों के कारण __ एंव निवारण पर ध्यानाकर्षित करता है 

प्रश्न 20. नव निश्चयवाद की कोई तीन विशेषताएँ बताइए। 

उत्तर : इस विचारधारा के जनक ग्रिफिथ टेलर महोदय है।

यह विचारधारा पर्यावरणीय निश्चयवाद और सम्भावनावाद के बीच के मार्ग को प्रस्तुत करती है । 

यह पर्यावरण को नुकसान किये बगैर समस्याओं को सुलझाने पर बल देती है। 

पर्यावरणीय निश्चयवाद के अनुसार मनुष्य न तो प्रकृति पर पूरी तरह निर्भर हो कर रह सकता और न ही प्रकृति से स्वतन्त्र रह कर जी सकता है 

प्रकृति पर विजय पाने के लिये प्रकृति के ही नियमों का पालन करना एंव उसे विनाश से बचाना होगा। 

प्राकृतिक देनों का प्रयोग करते हुये प्रकृति की सीमाओं का ख्याल रखना चाहिये । उदाहरणार्थ औद्योगीकरण करते हुये जंगलों को नष्ट होने से बचाना । खनन करते समय अति दोहन से बचाना। 

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प्रश्न 21.नियतिवाद तथा संभववाद में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर : नियतिवाद 

इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित मन जाता है।

मानव की आदिम अवस्था में मानव के लगभग सभी क्रियाकलाप पूर्णतया प्राकृतिक पर्यावरण की शक्तियों द्वारा नियंत्रित थे।

रैटज़ेल, रिटर, हम्बोल्ट, हटिगंटन आदि नियतिवाद के प्रमुख समर्थक है।

नियतिवाद सामान्यत: मानव को एक निष्क्रिय कारक समझता है जो पर्यावरणीय कारको से प्रभावित होता है।

उदारहण – आदिवासियों की प्रकृति पर निर्भरता।

किसानो की जलवायु पर निर्भरता।

जलवायु के अनुसार शारीरिक गठन। 

संभववाद/ संभावनावाद 

इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृति प्रदत्त अनेक सम्भावनाओ का इच्छानुसार अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है।

मानव का प्रकृति पर निर्भरता की अवस्था से स्वंतंत्रता की अवस्था की और प्रस्थान संभव है।

विडाल-डी-ला ब्लाश तथा लुसियन फैर्बे इस विचारधारा को मानने वाले प्रमुख थे।

संभावनावाद प्रकृति की तुलना में मनुष्य को महत्वपूर्ण स्थान देता और उसे सक्रीय शक्ति के रूप में देखता है। 

उदारहण – नदी पर पुल, खेती, परिवहन। 

पाँच अंक वाले प्रश्न 

 

Human Geography Questions In Hindi

प्रश्न 22.प्रौद्योगिकी के विकास के लिए प्रकृति का ज्ञान किस प्रकार महत्वपूर्ण है ? उपयुक्त उदाहरणों से स्पष्ट करो?

उत्तर – प्रौद्योगिकी किसी भी समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर की सूचक हाती है।

मानव प्रकृति के नियमों को समझकर ही प्रौद्योगिक का विकास कर सकता है। जैसे घर्षण व ऊष्मा की सोच ने आग की खोज में सहायता की।

डी.एन.ए. तथा आनुवांशिकी की रहस्यों ने अनेक बीमारियों पर विजय पाने में सहायता की।

वायु की गति के नियमों के प्रयोग से अधिक तीव्र गति से चलने वाले वायुयान विकसित किए गए।

प्रकृति के ज्ञान के आधार पर ही सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण होता है। 

प्रश्न 23. “प्रकृति पर मानव प्रयासों की छाप स्पष्ट दिखाई देती है।” उपर्युक्त उदाहरणों द्वारा स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर : प्रकृति अवसर प्रदान करती है और मानव उनका उपयोग करता है। धीरे-धीरे प्रकृति का मानवीकरण हो जाता है तथा प्रकृति पर मानव प्रयासों की छाप पड़ने लगती है जैसे – 

तरंगित पहाड़ियों में चरागाहों का उपयोग। 

महासागरों का समुद्री मार्ग के रूप में उपयोग। 

उच्च भूमियों पर स्वास्थ्य विश्राम स्थल ।

अन्तरिक्ष में उपग्रह प्रक्षेपण।

कृषि, नगर, पुलों का निर्माण आदि। 

 

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प्रश्न 24.समय के साथ मानव भूगोल को स्पष्ट करने वाले उपागमों में परिवर्तन आया है। मानव भूगोल के उपगमों में यह गात्यात्मकता विषय की परिवर्तन शील प्रकृति को दर्शाती हैं। इस कथन के संदर्भ में मानव भूगोल के प्रमुख उपागमों का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर: पहले विभिन्न समाजों के बीच अन्योन्यक्रिया नगण्य थी और एक दूसरे के विषय में ज्ञान सीमित था

संसार के विभिन्न देशों में यात्रा करने वाले यात्री क्षेत्रों के विषय में सूचनाओं का प्रचार किया करते थे।

15 वीं शताब्दी के अन्त में यूरोप में अन्वेषणों के प्रयास शुरू हुए और धीरे – धीरे लोगों व देशों के विषय में मिथक व रहस्य खुलने शुरू हुए।

उपनिवेशिक युग में अन्वेषणों को आगे बढाने के लिए गति प्रदान की ताकि प्रदेशों के संसाधनों तक पहुंचा जा सके और उनके विषय में तालिका युक्त सूचनाएँ प्राप्त हो सकें।

1970 के बाद के दशकों में मानव भूगोल में मानवतावादी आमूलवादी और व्यवहारवादी विचारधाराओं का उदय हुआ इनके उदय ने मानव भूगोल को सामाजिक-राजनितिक यथार्थ के प्रति अधिक प्रासंगिक बना दिया। 

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