
Digestive system handwritten notes Hindi pdf
Hello Aspirants,
Digestive system handwritten notes Hindi pdf:- Today we are sharing Digestive system handwritten notes Hindi pdf. This Digestive system handwritten notes Hindi pdf for upcoming examination like UPSC, RAS, DDA, DSSSB, UPPCS, MPPCS, HPPCS, REET, RPSC, DRDO, IES, IFS, RTO, BRO, SSC CGL, BDO, ALL STATE PCS EXAM. This Digestive system handwritten notes Hindi pdf for UPSC will provide a useful very important PDF for the Hindi notes exam. In today’s PDF, important facts related to Download. This Digestive system handwritten notes Hindi pdf for UPSC free download have been included from the point of view of the exam.
Digestive system handwritten notes Hindi pdf Here we will provide you the link to download the PDF of Digestive system handwritten notes Hindi pdf download for UPSC Class Notes Book prepared UPSC so that you can easily download this PDF Digestive system handwritten notes Hindi pdf for UPSC on your mobile or laptop. can save in. If you get time, you can read it sitting anywhere. This book is very important from the point of view of the exam, you can also read it by buying it from your nearest store.
Digestive system handwritten notes Hindi pdf for UPSC, Complete Digestive system handwritten notes Hindi pdf Chapter wise and Type wise notes PDF, Digestive system handwritten notes Hindi pdf IAS Notes 2023 PDF Download, Complete Digestive system handwritten notes Hindi pdf for UPSC Class Notes PDF in Hindi, Complete Digestive system handwritten notes Hindi pdf Provide a link to download. Keeping this in view, today I have prepared this post. Here is a link to download a PDF of Handwritten Notes on Digestive system handwritten notes Hindi pdf. To download this PDF of you click on the Download Button below here.
Topic Related Posts
- Indian Polity Notes – IAS Preparation
- Topic-Wise Syllabus of Indian Polity for UPSC
- Indian Polity – Drishti IAS
- Indian Polity And Constitution Notes For UPSC
- Indian Polity For UPSC Prelims And Mains (Notes)
- Best Indian Polity Books for UPSC Exam
- 3 Best Books to Study Indian Polity for IAS Prelims Exam
- Polity Syllabus for UPSC and The Recommended Book List
- Complete list of NCERT books needed for UPSC
Most Important Digestive system Question
प्रश्न 1:- संतुलित आहार कहलाता है?
उत्तर:- वह भोजन जो मनुष्य की पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हो।
प्रश्न 2:- छोटी आत का प्रारंभिक भाग क्या कहलाता है?
उत्तर:- Duodenum।
प्रश्न 3:- मानव शरीर की सबसे बड़ी कौन सी ग्रंथि?
उत्तर:- यकृत ग्रंथि।
प्रश्न 4:- ऊंट तथा हीरण के अमर से में नहीं पाया जाता?
उत्तर:- ओमैसम।
प्रश्न 5:- आंतों में पाए जाने वाले गड्ढे क्या कहलाते हैं ?
उत्तर:- क्रिप्टस ऑफ लिबरकुन।
प्रश्न 6:- भोजन के प्रमुख अवयव क्या क्या हैं?
उत्तर:- कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन जल खनिज एवं विटामिन।
प्रश्न 7:- एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन में कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर:- 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट .
प्रश्न 8:- चबाने के लिए किन दातों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:- प्रीमोलर और मोलर ।
प्रश्न 9:- छोटी आंत का प्रारंभिक भाग का आकार कैसा होता है?
उत्तर:- “U” आकार का।
प्रश्न 10:- सेलुलोज का पाचन कहां होता है?
उत्तर:- रोमांथी आमाशय के रूमेन कक्ष में।
Most Important Digestive system Question
प्रश्न 11:- मल एकत्रित कहां होता है?
उत्तर:- मलाशय या रेक्टम में।
प्रश्न 12:- मनुष्य के आहार नाल में उपस्थित अवशेषी अंग कौन सा है?
उत्तर:- वर्मी फॉर्म अपेंडिक्स।
प्रश्न 13:- इलियम क्या है?
उत्तर:- छोटी आंत का निचला हिस्सा।
प्रश्न 14:- व्यस्क में दांतो की संख्या कितनी होती है?
उत्तर:- व्यस्क व्यक्ति 32 दांत.
प्रश्न 15:- बच्चों में में दांतो की संख्या कितनी होती है?
उत्तर:- बच्चों 20 दांत.
प्रश्न 16:- शरीर का सबसे कठोर पदार्थ कौन सा है?
उत्तर:- ईनामेल।
प्रश्न 17:- इंसुलिन कहां स्रावित होता है?
उत्तर:- अग्नाशय से।
प्रश्न 18:- किस पाचक ग्रंथि के रस में कोई एंजाइम नहीं पाया जाता है?
उत्तर:- यकृत ग्रंथि में।
प्रश्न 19:- कॉलेस्टेकाइनीन क्या है?
उत्तर:- एक प्रकार का हार्मोन।
प्रश्न 20:- काइम क्या है?
उत्तर:- अमाशय में स्थित भोजन।
Most Important Digestive system Question
प्रश्न 21:- बड़ी आंत में कौन सा जीवाणु पाया जाता है?
उत्तर:- इश्चीरीचीया कोलाई।
प्रश्न 22:- एक सामान्य व्यक्ति को प्रतिदिन में कितनी मात्रा में वसा की आवश्यकता पड़ती है ?
उत्तर:- 50 ग्राम।
प्रश्न 23:- जेजुनम क्या है?
उत्तर:- छोटी आंत का मध्य भाग।
प्रश्न 24:- पेप्सिन का निर्माण कहां होता है?
उत्तर:- अमाशय में।
प्रश्न 25:- ग्रास नली की लंबाई कितनी होती है?
उत्तर:- ग्रास नली – 25 CM.
प्रश्न 26:- अमाशय की लंबाई कितनी होती है?
उत्तर:- अमाशय – 30 CM.
प्रश्न 27:- पौधों में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है?
उत्तर:- स्वपोषी पोषण।
प्रश्न 28:- इलियम में क्या अवशोषित होता है?
उत्तर:- ग्लूकोज।
प्रश्न 29:- जंतुओं में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है?
उत्तर:- स्वपोषी पोषण।
प्रश्न 30:- कशेरुकी के शरीर में भोजन संग्रहित कहां होता है?
उत्तर:- वसा एवं ग्लाइकोजन के रूप में।
प्रश्न 31:- वयस्क मनुष्यों में आवश्यक अमीनो अम्ल की संख्या कितनी है?
उत्तर:- आंट 8।
More Related PDF Download
Maths Topicwise Free PDF >Click Here To Download | English Topicwise Free PDF >Click Here To Download |
GK/GS/GA Topicwise Free PDF >Click Here To Download | Reasoning Topicwise Free PDF >Click Here To Download |
Indian Polity Free PDF >Click Here To Download | History Free PDF > Click Here To Download |
Computer Topicwise Short Tricks >Click Here To Download | EnvironmentTopicwise Free PDF > Click Here To Download |
Hindi Topicwise Free PDF >Click Here To Download |
Science Notes Download > Clik Here To Download |
Most Important Digestive system Question
प्रश्न : 1 :- पाचन के प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर : अंत: कोशिकीय पाचन व बाह्य कोशिकीय पाचन।
प्रश्न : 2:- अंत: कोशिकीय पाचन क्रिया क्या है?
उत्तर :ऐसा पाचन जो केवल एक ही कोशिका के अंदर संपन्न होता है उसे अंत: कोशिका पाचन कहते हैं।
प्रश्न : 3 :- बाह्य कोशिकीय पाचन क्रिया क्या है?
उत्तर :पाचन का वह प्रकार जो कोशिकाओं के बाहर संपन्न होता है उसे बाह्य कोशिकीय कहते हैं।
प्रश्न : 4: – मनुष्यों में कितने प्रकार के दांत पाए जाते हैं?
उत्तर :चार प्रकार के दांत पाए जाते हैं जो कि निम्नलिखित है 👇🏻
कृंतक (Incisors)
भेदक ( Canines)
अग्र चवर्णक (Premolars)
वर्णक (Molars)
प्रश्न : 5 :- जीव जंतुओं में स्वाद का पहचान किस अंग से होता है?
उत्तर : जीभ या tongue.
प्रश्न 6 :- यकृत से हानिकारक पदार्थों को कौन निष्कासित करता है?
उत्तर : पित्त रस।
प्रश्न : 7 : हिपेरिन क्या होता है?
उत्तर :- यह यकृत द्वारा निर्मित पदार्थ है जिसका कार्य रुधिर का थक्का जमने से रोकना है।
प्रश्न 8:- मानव शरीर की दूसरी सबसे बड़ी ग्रंथि कौन सी है?
उत्तर : अग्नाशय ग्रंथि (pancreas)
Q 1. आहार नाल (Alimentary Canal):-
मुख गुहा से लेकर मलद्वार (anus) तक एक लम्बी नली होती है जिसे आहारनाल कहते हैं। आहार नाल की लम्बाई लगभग 32 से 36 फीट तक होती है. इसके मुख्य भाग निम्नलिखित है।
(A) मुख गुहा (Buccal Cavity):- इसमें दांत एवं लार ग्रंथियों पायी जाती हैं, दाँतों द्वारा भोजन के टुकड़े-टुकड़े में तोड़ा जाता है।
दाँत (Teeth) :- दाँत का निर्माण कैल्शियम फॉस्फेट (85%), एपेंडिक्स कैल्शियम कार्बोनेट (10%) तथा शेष में कैल्शियम फ्लोराइड एवं अन्य लवण पाये जाते हैं।
मनुष्य का दाँत दो बार जन्म लेता हैं इसलिए इसे Diphyodont कहते हैं।
मनुष्य का दाँत मसूढ़े में धंसा हुआ होता है, ऐसे दाँत को Thecodont कहते हैं।
दाँत का ऊपरी भाग चमकीला होता है, जिसे Enamel कहते है। Enamel शरीर में सबसे कड़ी हड्डी है, दाँत के अंदर वाले परत (layer) को Dentine कहते हैं।
मनुष्य का दाँत भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं, ऐसे दाँत को Heterodont कहते हैं।
मनुष्य के दाँत चार प्रकार के होते हैं।
(a) कृतक (Incisor):- भोजन को काटनेवाला दांत
(b) रदनक (canine):- भोजन को चीरने या फाड़नेवाला दाँत
(c) अग्र चवर्णक (Premolar):- चबानेवाला दाँत
(d) चवर्णक (Molar):- चबानेवाला दाँत
(A) लारग्रंथि (Salivary gland) :-
मुख गुहा में तीन जोड़ी लार ग्रंथि पायी जाती है, जिनसे लार स्त्रावित होता है, लार हल्का अम्लीय (acidic) होता है। इसका PH Value 6.8 होता है, लार में टायलिन नामक एंजाइम होता है, जो भोजन में उपस्थित स्टार्च को माल्टोज (शर्करा) में परिवर्तित करता है।
● मनुष्य में सबसे बड़ी लार ग्रंथि कर्णमूल-ग्रंथि (Parotid gland) है।
● Parotid gland सौंप में poison gland में परिवर्तित हो जाता है।
(B) ग्रासनली (Oesophagus):-
इसमें पाचन की क्रिया नहीं होती है, बल्कि यह भोजन को मुख-गुहा से आमाशय (stomach) तक पहुँचाता है।
(C) आमाशय (Stomach):-
आमाशय एक थैली जैसी रचना है, इसकी दीवार में अनेक ग्रंथियाँ पायी जाती है, जिन्हें जठर-ग्रंथियों (Gastric Glands) कहते हैं।
● Gastric Glands से एक प्रकार का रस स्रावित होता है, जिससे Gastric Juice कहते हैं।
Gastric Juice में निम्न पदार्थ पाये जाते हैं।
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI):- यह ऑक्सीन्टिक कोशिकाओं से स्रावित होता है। इसके निम्न कार्य है-
(i) जीवाणुओं (Bacteria) को नष्ट करना
(ii) भोजन को अम्लीय माध्यम प्रदान करना
(iii) प्रोपेप्सीन (Propepsin) को pepsin में बदलना
(b) पेप्सिन :- यह Peptic cells से स्रावित होता है, यह Protein को खंडित कर Peptons एवं proteoses में परिवर्तित करता है।
(c) रेनिन (rennin) :- यह दुग्ध प्रोटीन केसीनोजेन को कैल्शियम पराकैसिनेट में परिवर्तित करता है, जिससे दूध फट जाता है।
(d) म्यूसीन (Mucin) :- यह आमाशय को चिकना बनाए रखता है।
● जठर रस (gastric juice) का PH Value 2.2 होता है।
(D) छोटी आँत (Small Intestine) :-
इसके अंतर्गत ग्रहणी एवं शेषान्त्र आते है।
(i) ग्रहणी (Duodenum) :- इसमें पाचक एंजाइम नहीं पाये जाते हैं, इससे cholecystokinin नामक हार्मोन स्रावित होता है, जो कि पित्ताशय (gall bladder) को पित्त रस के लिए उत्तेजित करता है। पित्त रस (Bile juice) ग्रहणी में आकर भोजन को क्षारीय माध्यम प्रदान करता है।
● अग्न्याशयिक रस हल्का क्षारीय होता है. इसका pH 8 होता है।
● अग्न्याशयीक रस (pancreatic juice) में निम्न एंजाइम पाये जाते हैं।
(a) ट्रिप्सिन:- यह एंजाइम प्रोटीन को पेप्टोन्स एवं प्रोटियोजेज (proteoses) में परिवर्तित करता है।
(b) Amylase- यह एंजाइम (Starch) को शर्करा (Disacchrides) में परिवर्तित करता है।
(c) लाइपेज:- यह वसा को वसा अम्ल (Fatty acid) एवं glycerol में परिवर्तित करता है।
(ii) शेषान्त्र (lleum):- Duodenum के बाद भोजन lleum में आता है, Ileum एक कुंडलित लम्बी नली के आकार की रचना है, यह एक रस स्स्रावित करती है, जिसे आंत्रीय रस या saccus intericus कहते हैं।
इसमें निम्न एंजाइम पाये जाते हैं।
(a) इरेप्सिन:- यह प्रोटीन, पेप्टोन्स एवं proteoses को Amino acid में परिवर्तित करता है। Amino acid प्रोटीन का simplest part हैं।
(b) माल्टोज:- यह माल्टोज को ग्लूकोज के दो अणुओं में विखंडित करता है।
(c) सुक्रोज :- यह सुक्रोज को ग्लूकोज एवं फ्रुक्टोस में परिवर्तित करता है।
(d) लैक्टोज :- यह लैक्टोज को ग्लूकोज एवं galactose में परिवर्तित करता है।
(e) लाइपेज :- यह वसा (fats) को वसा अम्ल (fatty acid) एवं ग्लिसरॉल (glycerol) में परिवर्तित करता है।
(E) बड़ी आँत (Large Intstine) :- यह एक मोटी नली के समान रचना है, इसमें भोजन का पाचन नहीं होता है, किन्तु जल का अवशोषण होता है।
2. पाचन ग्रंथियाँ (Digestive Glands)
(A) लार ग्रंथि (Salivary Gland) :-
यह Buccal Cavity में पायी जाती है, इसकी संख्या तीन जोड़ी होती है, तीन जोड़ी लार ग्रंथियों में से एक जोड़ी कान के पास होती है, जिसे Parotid Gland कहते हैं और दो जोड़ी ग्रंथियाँ जीभ के नीचे स्थित होती है, लार-ग्रंथि से लार स्रावित होता है, जिसमें 99% जल एवं 1% एंजाइम होता है। लार हल्का अम्लीय होता है, इसका PH Value 6.8 होता है। इसमें टायलिन नामक एंजाइम पाया जाता है।
लार (Saliva) के कार्य :-
(i) यह भोजन को लसलसा बनाता है।
(ii) टायलिन नामक एंजाइम स्टार्च को डाइसैकराइड में परिवर्तित करता है।
(B) यकृत (Liver) :-
यह एक बहिःस्रावी ग्रंथि है, यह मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है। इसका वजन लगभग 1.5 kg है, यह उदर गुहा के डायफ्राम के पीछे स्थित होता है तथा आमाशय का कुछ भाग ढका रहता है। इसमें पित्ताशय (Gall bladder) होता है, इसमें पित्तरस जमा रहता है।
यकृत के कार्य (Function of Liver):-
(i) यह प्रोटीन की अधिकतम मात्रा को कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित करता है।
(ii) ग्लूकोज को ग्लाइकोजेन के रूप में परिवर्तित करता है, ग्लूकोज की आवश्यकता होने पर यह ग्लाइकोजेन को ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है।
(iii) फाइब्रिनोजेन (Fibrinogen) तथा प्रोथोम्बिन (Prothrombin) नामक Clotting प्रोटीन का निर्माण यकृत में ही होता है।
(iv) हीपैरिन (Heparin) नामक पदार्थ का निर्माण यकृत में ही होता है, हीपैरिन शरीर के अंदर रक्त के थक्का बनाने में रोकता है।
(v) यकृत (liver) में Kuffer’s cells होते हैं, जो कि bacteria को नष्ट करते हैं।
(vi) मृत RBC यकृत में ही नष्ट किया जाता है।
(vii) यह थोड़ी मात्रा में लोहा एवं विटामिन को संचित कर रखता है।
(viii) यह विषैले पदार्थ को विषहीन बना देता है, यह अमोनिया को यूरिया में परिवर्तित कर देता है।
(ix) यह पित्त रस स्त्रावित करता है जो कि भोजन को क्षारीय बनाता है, भ्रूणावस्था में RBC का निर्माण करता है।
(C) पित्त रस (Bile Juice) :-
पित्त रस का निर्माण यकृत में होता है, किन्तु में पित्ताशय में जमा होता है, पित्ताशय नाशपाती के आकार की एक थैली जैसी रचना है।
● पित्त पीले हरे रंग का क्षारीय द्रव है इसका pH मान 7.7 होता है।
● पित्त रस में जल 86%, पित्त लवण 8.2%, पित्तवर्णक 2.2%, cholesterol 2.18% इत्यादि उपस्थित रहते हैं।
● सोडियम कार्बोनेट, सोडियम टौरोकोलेट, सोडियम ग्लाइकोकोलेट पित्त लवण (Bile salt) हैं।
● Bilirubin एवं Biliverdin पित्तवर्णक (bile pigment) हैं।
पित्त रस के कार्य :-
(i) यह भोजन को क्षारीय माध्यम प्रदान करता है।
(ii) भोजन के साथ आए हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है।
(iii) यह वसा का पायसीकरण करता है।
(iv) आँत के क्रमानुकुंचन गतियों को बढ़ाता है।
Topic Related PDF Download
My BooksforUPSC will update many more new pdf and study materials and exam updates, keep Visiting and share our post, So more people will get this.
This PDF is not related to BooksforUPSC and if you have any objections over this pdf, you can mail us at [email protected] Support us By Joining the Below Groups And Like Our Pages We Will be very thankful to you.
- Facebook Group:- https://www.facebook.com/Booksforupsc
Tags:-biology handwritten notes in hindi pdf,digestive system in hindi,12th biology handwritten notes in hindi pdf,digestive system mcq in hindi,पाचन तंत्र नोट्स इन हिंदी pdf,पाचन तंत्र नोट्स in hindi,पाचन तंत्र नोट्स pdf class 10,पाचन तंत्र नोट्स pdf class 11